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हिруen

 

करने की ताकत नहीं है विज्ञान में तोड़फोड़
करके परिवर्तन कर करके एक नया रूप नया फन और

उसको श्रृंगार करने की
क्षमता है आपको आरामदायक

चीज़ बनाने की और आपको सिंघारिश करने की

क्षमता है आपको जीवन को
सुलभ बनाने की क्षमता है

विज्ञान में आपके जीवन का निर्माण करने की
क्षमता नहीं है विज्ञान

में आपके जीवन को मोक्ष

बहाने बनाने की क्षमता नहीं है विज्ञान में
आपको आराम और विनाश की

दोनों क्षमता है लेकिन

पृथ्वी का जो विज्ञान है
जो पृथ्वी का जो धर्म है

जो मानव के हृदय का विज्ञान है जहाँ प्रेम
होता है जहाँ करुणा होता

है जहाँ बंधुत्व होता

है जहाँ ममता होता है जहाँ ममता सोती
है जहाँ पैतृक होता है उस हृदय से आपने

सब

अपने संबंध जोड़ने की कोशीश नहीं किया

उसको भी आपने बाहर रिश्तों में बदल दिया जो
हिरगें आपके प्रेम को

आपको भी महासागर बना सकता

है करुणा सागर बना सकता
है दया के सागर बना सकता

है आपको जो हिल इतना महान बना सकता है आपने

उससे तो सम्बन्ध को जुड़ा
ही नहीं फिर आप अपने

को कैसे जायेंगे उस
परमात्मा से कैसे मिलेंगे

इसलिए आपको मैं बार बार
कहता हूँ कि खैर ये कुछ

देर के लिए छोड़िए इस
संसार को क्योंकि छूटता

तो है नहीं

कुछ देर कोशीश कीजिए इस माया को इस माया से
मुक्त होने के लिए कुछ

देर अपने आप में रुक जाने

के लिए अपने अंदर झांकने

के लिए अपने को मंत्र
विहीन करने के लिए अपने

को सुध भूत विहीन करने के लिए एक ऐसी अवस्था

जहाँ आप कुछ न करते

एक ऐसी अवस्था को अपने
अंदर लाने की कोशीश कीजिए

जहाँ आपके द्वारा कुछ न होता हो कुछ न सोचा

जाता हो आप एक ऐसी अवस्था
को प्राप्त करें आप

परमात्मा के साथ रहें और एक क्षण में एक फल

में घंटों में नहीं इसके लिए घंटों नहीं
चाहिए सारे जीवन सारे घंटे आप उसके

लिए दीजिए लेकिन एक परंतु अकेले
हो जाओ एक क्षण तो अकेले हो जाओ

और मैं आपको दावे के साथ कहता हूँ कि आप सब
मानव हैं और परमात्मा

के कूद रहे हैं ब्रह्मा

के मानव कूद रहे हैं ब्रह्मा
के हजारों मानक सूत्रों ने

आपने कोई गाना ईश्वर को बाध्य
किया इस पृथ्वी पर आने के लिए

उस अज्ञात जगत से अपने
लोगों को छोड़ छोड़ करके

इस तिथि पर आने के लिए हम मनुष्यों ने उसे

बाध्य किया है अपनी
तपस्या से अपने संकल्प से

अपने कर्म को इतना श्रेष्ठ
देकर और वहीं व्यक्ति

कर सकता है जो अपने आप
को अकेला बना दिया अपने

आप को ऐसी अवस्था में
छोड़ दे जहाँ उसके द्वारा

कुछ नहीं होता है न बोध होता है
न ज्ञान का चिंतन होता है एक

पर एक पल

ये क्षमता आपके अंदर में है

लेकिन आपके मन में आपकी
बुद्धि ने आपके अनुसार

आपके देश में आपकी रूस ने
आपके प्रेम आपकी दोस्ती

में आपके रिश्तों में संसार के इस चक्रवात

में इस चक्रव्यूह में ईश्वर से उलझा दिया है
कि आपको अपने लिए समय

नहीं है फिर सारी जिंदगी

मूर्ख बनकर जीते रहो

सारी जिंदगी बेवकूफ बन के जीते रहो

क्योंकि तब तुम अपने ही
को नहीं जानते हो आपने

अस्तित्व को ही नहीं जानने की कोशीश करते

हो तो संसार को कैसे जान लेंगे

संसार के बारे में जानकारी
थोड़ा सा जानोगे और

जिंदगी खपत हो जाएगी जीवन
की सारी ऊर्जा बेकार

हो जाएगी और जब जीवन की उर्जा बेकार हो
जाएगी तो श्रवण करने की क्षमता मनन करने

की क्षमता प्रेम करने की क्षमता सम्बन्ध
बनाने की क्षमता सारी नष्ट हो जाएगी

आखिर तुम अपने जीवन भर
जो समय बाकी है अपने आप

को कोसोगे अपने आप को
दोती बनाओगे अप्राँक्षित

करना भी चाहोगे तो नहीं
कर पाओगे फिर अगले जन्म

की प्रतीक्षा करोगे कहोगे ही परमात्मा मुझे

इस जीवन से मुक्त कराओ अब तो अंगिला जन्म दे
दो क्योंकि मैने इस जीवन

का सदुपयोग नहीं किया

मैने इस जीवन में वह नहीं
किया जिसके लिए करना

है इसलिए अभी आपको वक्त है अभी आपको समय हर

साल या रामायण मिला

धनबाद दीजिये गर्भ परिवार को मनोबल को क्या
आपके समक्ष हम लोगों को

समय नहीं है तुम्हारे

पास आने के लिए लेकिन उनका प्रेम

आपका प्रेम नहीं

क्योंकि आप हमारी तीन
साल से चार साल से सुनते

हुए मुराली बाबू के साल से सुनते हुए हमारे

शंकराचार्य दिव्यानंद की अनेक बार से
सुनते हुए हमारे चित्रकूट के महाराज

दीवानंदी का अनेकों साल
से आप सुनते चले आ रहे

हैं और जब आज तक से आपने भीतर के पट को नहीं

खोला तो मुझे विश्वास नहीं
है कि कल भी आप भूलोगे

इसे आप सिर्फ ट्रैन करना चाहता हूँ आपके लिए
संसार में चुप शांति

लाने के लिए शांति बनाने

के लिए हम आपको समाधि लगा रहे हैं हमारी बात
रहने के बाद समाधि लगाया मंगल गरीबी जी आपकी

बस समाधि लगा

ये महान मूर्ति हनुमान के रूप में
आक्रोश जगाने के लिए खड़ी हुई

लेकिन आप लोगों के पास
समय है पास करने के लिए

अफसोस की बात है

अगर

बात पूरा नहीं होगा तो स्थापना कैसे होगा

फिर दोस्त किसके ऊपर
जाएगा इसलिए चाहे आपने घर

में हनुमान का पाठ करें अथवा उस प्रांगण में

आकर के हनुमान के साथ पाठ करें लेकिन सौ सौ
पच्चास पच्चास आपको पाठ आज से करना होगा

सेवा ओम नम सेवा

आखिर

अप्रैल का

वो दिन भी आ गया जब
महायोगी पालिका इस शीशे के

एयर टाइट बॉक्स में दोपहर ठीक एक बजे समाधि

लेंगे

 

 

 

Перевод лекции Бабаджи
в символах, доступных русскоговорящему сообществу

 


We don't have the power to sabotage science
By making changes, a new form, new fun and
to make her up
ability to make you comfortable
to make things and inspire you

you have the ability to live
Science has the potential to make your life accessible
Science does not have the potential to save your life.
Science does not have the ability to make excuses.
Science has the potential to bring you both comfort and destruction.

But the science of the Earth, the religion of the earth
Which is the science of human heart, 
where there is love,
where there is compassion, 
where there is brotherhood.
Where there is love, where love sleeps
Where it is ancestral, you have done everything from that heart.

You did not try to establish your relations and you converted them into outside relations which are not yours.

love can turn you into an ocean
can create an ocean of compassion
can create an ocean of kindness

You have a relationship with the one who can make you so great.
(The one who can make you move so great
 Have you established any relation with him?)

how to go there?
how to meet god?


That's why I tell you again and again that
Leave this world for a while because it never goes away.

Try for some time to free yourself from this illusion.
To stop and look inside yourself
To make yourself devoid of mantra
A state where you do nothing

Try to bring such a state within yourself
Where nothing happens and nothing is thought by you

you reach a state where
You stay with God and get a fruit in a moment

It doesn't take hours, it doesn't take hours, it takes the whole life.

Give all your hours to him but one
but alone

Be alone for a moment and I tell you with certainty that you are all human and God.

Brahma is jumping (призывается??)
Humans are jumping (воспевают ??) thousands of standard sutras of Brahma

You forced God to come to this earth by leaving behind his people from that unknown world.

We human beings have forced him to come on this date, by our penance, by our resolution, by giving such greatness to our deeds.

And only that person can do that who has made himself alone and leaves himself in such a state where nothing happens or is understood by him.
There is no contemplation of knowledge even for a moment.
This ability is within you

But in your mind, your intelligence,
According to your country, your Russia
in your love and friendship,
In this cyclone of the world in your relationships with God,
you have become entangled in this maze 
that you do not have time for yourself.

No, 
then live like a fool all your life...

Live your whole life like a fool because then you don't know yourself.

Try not to know existence
If you do, how will you know the world?

You will know a little bit about the world
And life will be consumed, all the energy of life will be wasted.

And when the energy of life becomes useless, the ability to listen and think will be lost.
The ability to love, the ability to create relationships, all will be destroyed eventually.
You will spend all the time you have left in your life.
You will curse yourself, you will make yourself a doti, unprotected
Even if you want to do it, you will not be able to do it in the next birth.

Will you wait and say
"O God, free me from this life, now give birth to Angila.
Give because I didn't make good use of this life
I have not done what I was meant to do in this life."

so you still have time..

Now you got time every year or Ramayana (??)
Give money to the pregnant family, what about morale?
We don't have time to come to you but their love is not your love.

Because you have been listening to us for three to four years
We have been listening to Murali Babu for years...
After listening to Shankaracharya Divyananda many times...
You have been listening to our Maharaj Diwanandi of Chitrakoot for many years and since till today you have not opened the inner curtain, 
then I do not believe that tomorrow
you won't also forget...

I just want to train it for you
silent peace in the world
To bring peace we are burying you our words
After staying, I took up samadhi. Mangal Garibi (??) ji, I took up samadhi just because of you.

This great statue is in the form of Hanuman
stood up to arouse anger

But you guys have time to pass..

Sadly, that if the matter is not completed then, how will the establishment take place then, to whom will the friend come, even if you have (one)..

You can recite Hanuman in the temple or come to that courtyard and recite with Hanuman, but you will have to recite 100-55 (??) from today.

 

 

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